ड्रिप सिंचाई क्या है? यह सिंचाई का एक तरीका है जो पानी की बचत करता है और यह पौधे या पेड़ की जड़ में पानी के धीरे–धीरे सोखने में (चाहे वो पौधे के ऊपर वाली मिट्टी हो या फिर जड़ हो) मदद कर खाद और उर्वरक के अधिकतम उपयोगी इस्तेमाल में मदद करता है।
अनुकूल ड्रिप सिंचाई व्यवस्था का पता लगाने के लिए कुछ तत्वों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे कि, भूमि स्थलाकृति, मिट्टी, पानी, फसल और कृषि जलवायु स्थिति। व्यावसायिक ग्रीन हाउस खेती, आवासीय उद्यानों, पॉलीहाउस खेती, शेड नेट फार्मिंग, जलकृषि और खुले खेत में खेती के लिए ड्रिप सिचाई का उपयोग किया जाता है।
फव्वारा सिंचाई (स्प्रींल्कर इरिगेशन) व्यवस्था से तुलना करें तो ड्रिप सिंचाई ज्यादा फायदेमंद साबित होगा।
ड्रिप सिंचाई में इस्तेमाल होने वाले घटक –
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पंप
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वाटर फिल्टर, बालू फिल्टर (बालू अलग करना), फर्टिगेशन व्यवस्था
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दबाव नियंत्रक
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बैक वाटर के प्रवाह को रोकनेवाली इकाई
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बड़ी पाइप और पाइप फिटिंग्स
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हाइड्रोलिक या जलीय नियंत्रक वॉल्व्स और सेफ्टी वॉल्व्स
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लेटर्ल्स (कम मोटाई वाले पॉली ट्यूब्स)
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एमीटर्स या ड्रिपर्स, माइक्रो स्प्रे हेड, इन–लाइन ड्रिपर या इन–लाइन ड्रिप ट्यूब
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ड्रिप सिंचाई के फायदे–
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फसल की बंपर पैदावार और वक्त से पहले फसल तैयार होने की संभावना बढ़ जाती है
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सीमित इस्तेमाल की वजह से खाद और पोषक तत्वों के ह्रास को कम करता है
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पानी का अधिकतम और बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल
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पौधे की जड़ तक पानी का वितरण एक समान और सीधे होता है
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घास–फूस को बढ़ने और मिट्टी के कटाव को रोकता है
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दूसरी सिंचाई तरीकों के मुकाबले इसमे मजदूरी का खर्च कम किया जा सकता है
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इसका संचालन कम दबाव में भी किया जा सकता है जिससे ऊर्जा खपत में होनेवाले खर्च को भी कम किया जा सकता है
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एक समान पानी वितरण होने से पौधे के जड़ क्षेत्र में एकसमान नमी की क्षमता को बनाए रखा जा सकता है
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खाद या सूक्ष्म पोषक तत्वों को कम से कम क्षति पहुंचाए फर्टीगेशन (ड्रिप व्यवस्था के साथ खाद को सिंचाई वाले पानी के साथ प्रवाहित करना) किया जा सकता है
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वॉल्व्स और ड्रिपर की सहायता से पानी के कम या ज्यादा प्रवाह को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है
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कुल मिलाकर ड्रिप व्यवस्था वक्त और धन दोनों की बचत करता है
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